रायपुर : हम राज्य सरकार से पूछना चाहते हैं कि वह अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को भारत देश की नागरिक मानती है कि नहीं जैसा कि कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश में हमारे द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 13 साथ 2022 निर्वस्त्र प्रदर्शन करने की जानकारी के बावजूद रायपुर पुलिस हरकत में नहीं आई जिला कलेक्टर एवं एसपी कार्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर तेलीबांधा में राजकुमारी मारकंडे एवं उनके परिजन को जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त भेड़िए जगमीत गरचा एवं उसके सत्ताधारी भांजा आकाशदीप गिल मिलकर पैतृक संपत्ति को खाली कराने प्रशासन एवं पुलिस के माध्यम से इतना दमन किए और समय रहते पुलिस एवं अन्य शासकीय संस्था से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला जिससे की डरकर अपने पैतृक संपत्ति बचाने के लिए उनके पति गंगा प्रसाद मारकंडे को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पड़े।
मारकंडे जी को दोषी ढाई माह से फरार हैं, पुलिस हमारे लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए इनाम घोषित कर रखी है उनके कबाड़ संपत्ति को कुर्क करने का भी आदेश दे रखी है लेकिन आरोपी पैसे के बल पर न्यायपालिका से राहत पाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
मारकंडे जी ने अपने चार पेज के सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम,पद एवं कार्य स्पष्ट रूप से उल्लेखित किए हैं साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट के हर पन्ने पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे कि आरोपियों का पुलिस के सहयोग के बिना बच निकलना संभव नहीं है।
कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश को पढ़कर यही समझ आ रहा है कि पुलिस जातिगत मानसिकता पाले हुए आरोपियों को पकड़ने के बजाय कल सुबह नग्न प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों को पकड़ने जा रही है। और हमारा यह प्रदर्शन सिर्फ एक घटना को लेकर नहीं किया जा रहा है बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर होने वाले अनुसूचित जाति वर्ग पर होने वाले तमाम अत्याचारों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
शासकीय संस्थाओं में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के रवैए से लगता है कि वह किसी मंदिर में बैठे मठाधीश के तरह व्यवहार कर रहा हो बजाय कि वह भारत का संविधान एवं सिविल सेवा आचार संहिता का पालन कर रहा हो।