



छग/धमतरी_बालोद/गुरुर
छत्तीसगढ़ के धमतरी बालोद समेत अन्य जिलों में अर्जुन माफिया सक्रिय है…. एक ताजा मामला सामने आया है ..गुरूर ब्लॉक मुख्यालय से 6 किमी दूर ग्राम छेड़िया के बीच भोथली माइनर नाला के पास लकड़ी माफिया रातों-रात लगभग 25 से 30 भारी-भरकम प्रतिबंधित अर्जुन वृक्ष को काट कर ले गए।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में विभाग के चहेते ठेकेदार जलसंसाधन के अधिकारी की संदिग्ध भूमिका नज़र आ रही है। जिसके चलते अभी तक जल संसाधन विभाग प्रबंध कोड नंबर 38 के सबडिवीजन गुरुर क्रमांक 08, और राजस्व गुरुर/धमतरी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है या खानापूर्ति की जा रही है।
आपको बताते चले कि पूरा मामला धमतरी जिला के मुख्य जल प्रदाय योजना MFC महानदी फीडर केनाल जिनसे भिलाई स्टील प्लांट को पानी जाता है । जिसका जल संसाधन सबडिवीजन गुरुर क्रमांक 08 गुरूर/बालोद से होकर गुजरती है वहीं इसका भोथली माइनर के ग्राम पंचायत छेड़िया के पास माइनर नाला से लगे करीबन 25 से 30 पेड़ अर्जुन वृक्ष एवं अन्य पेड़ों की कटाई कर दिया गया है….
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यह घटनाक्रम छुट्टी वाले दिन शनिवार रविवार को माफियाओं ने अर्जुन पेड़ की गला धड़ को मशीन से काट दिया गया है, प्राप्त सूत्रों की माने तो घटना के दरम्यान जल संसाधन सबडिवीजन गुरुर 08 के जिम्मेदार अधिकारी के मार्गदर्शन में हुआ है।
जानकारों की माने तो यह पहली मर्तबा नहीं है जब अर्जुन पेड़ को काटा गया है बल्कि इससे पहले तक भी जिम्मेदार विभाग संरक्षण में ही नाले से लगे अन्य पेड़ों को भी काटा गया है।
इसके अलावा बीते दीपावली त्यौहार के समय आवासीय परिसर के कुछ बड़े पेड़ों को भी काट कर नेस्तनाबूद कर दिया गया है। लेकिन विभाग ने अपने संलिप्त कर्मचारी को बचाने के उद्देश्य से दूसरे एक मजदूर कर्मचारी को दूसरे स्थान पर भेज लीपापोती कर मामला रफा दफा कर दिया….
आपको यह भी बता दे कि हाल ही में जल संसाधन प्रबंध संभाग रुद्री 38 के सबडिवीजन गुरुर 08 को निस्तारित हेतू पानी नहीं गया था जिसमें कुछ किसानों एवं ईंट भट्ठा संचालकों ने मोटर पंप लगाकर सिंचाई हेतू उपयोग में पानी की चोरी की गई थी, जिसमें विभाग जप्त की कार्यवाही की गई थी लेकिन इस समय भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर किसानों से तय रकम सिंचाई के लिए मांग किए जाने की बातें सामने आई हैं लेकिन विभाग ने अपने कर्मचारी को बचाने के उद्देश्य से लीपापोती कर मामला रफा दफा कर दिया…
वहीं इस मामले अब विभाग ने एसडीएम गुरुर थाना गुरुर एवं वन विभाग गुरुर में प्रकरण दर्ज करने पत्राचार किया गया है।
बहरहाल अभी तक कौतूहल बरकरार है क्योंकि मामले को अभी एक सप्ताह होने को है और अभी तक अर्जुन माफिया का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. देखना दिलचस्प होगा क्या अर्जुन माफिया विभाग के हत्थे चढ़ेगा और विभागीय संलिप्तता का पर्दाफाश होगा या यह प्रक्रिया छोटे मोटे चलानी कार्यवाही कर बदस्तूर जारी रहेगा…???.