



अज़ीम प्रेमजी हाईस्कूल शंकरदाह में हुआ समर केंप का आयोजन,
विद्यार्थियों ने सीखे कला, संगीत और रंगमंच के कौशल….
छग/ धमतरी
अजीम प्रेमजी स्कूल शंकरदाह में दिनांक 5 मई से 15 मई 2025 तक ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैंप) का आयोजन किया गया। इस 11 दिवसीय शिविर में धमतरी, शंकरदाह, नवागांव, कंडेल, भोथली, बलियारा, डोडकी, भटगांव, झिरिया, सांकरा, बोडरा से कुल 53 छात्रों ने भाग लिया। समर केंप का उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति कौशल, आत्मविश्वास और सामाजिक चेतना को कला, संगीत और रंगमंच के माध्यम से विकसित करना था।
संगीत कार्यशाला में छात्रों को भारतीय शास्त्रीय, लोक संगीत और आधुनिक संगीत की बुनियादी और उन्नत तकनीकों से परिचित कराया गया। शिविर मे प्रसिद्ध कवि भगवत रावत जी और अंजुम रहबर की प्रेरणादायी रचनाओं के माध्यम से बच्चों को गायन का अभ्यास कराया गया। छात्रों को गायन की बारीकियों, राग और ताल के सिद्धांतों को समझाया गया। उन्हें वाद्य यंत्रों की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को स्वयं वादन करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। संगीत को और अधिक आनंददायक और सहभागी बनाने हेतु विभिन्न संगीत-खेल भी कराए गए, जिससे बच्चों की भागीदारी और रचनात्मकता दोनों को नई दिशा मिली।
कला खंड में छात्रों ने भारतीय लोक कलाओं और आधुनिक शिल्प कलाओं का गहन अभ्यास किया। इसमें वारली पेंटिंग (महाराष्ट्र की पारंपरिक कला), टाई एंड डाई (राजस्थान की कपड़ा रंगाई कला) और लिपन आर्ट (दीवार सज्जा की पारंपरिक कला) जैसी विधाओं को न सिर्फ सीखा, बल्कि स्वयं रचनात्मक प्रयोग भी किए। इसके अतिरिक्त बच्चों ने कबाड़ (पुराने अखबार, कागज, पानी की बोतल) की सामग्रियों का रचनात्मक उपयोग करते हुए कागज की मूर्तियाँ, प्रकाश दीपक, बोतल, कला और गुड़िया निर्माण जैसी गतिविधियों में भाग लिया। इन प्रयोगों से बच्चों में स्थायित्व रचना, सजावट की समझ और रचनात्मक उपयोगी कलाकारी की भावना का विकास हुआ।
रंगमंच खंड में बच्चों को भाव-प्रस्तुति, संवाद संप्रेषण, हाव-भाव और मंच अनुशासन का प्रशिक्षण दिया गया। छात्रों ने अभिनय के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपनी समझ व्यक्त की। थिएटर के माध्यम से न केवल उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई, बल्कि उन्होंने समूह में कार्य करने की कला, नियंत्रण और अनुशासन को भी सीखा।
दिनांक 15 मई 2025 को आयोजित समापन समारोह में समस्त प्रतिभागियों को मंच पर संगीत, कला और रंगमंच से संबंधित अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। बच्चों की प्रस्तुतियों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों के पालकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जिन्होंने बच्चों के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और विद्यालय की इस पहल को सराहा। यह ग्रीष्मकालीन शिविर बच्चों के लिए केवल एक प्रशिक्षण का अवसर नहीं, बल्कि एक जीवनोपयोगी अनुभव बना। इसने न केवल उनकी कलात्मक क्षमताओं को निखारा, बल्कि उन्हें एक संवेदनशील, अनुशासित और रचनात्मक नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित किया।
चुनेश साहू 7049466638